मित्रों "जीवन-दर्शन" के इस सफर में आपका हार्दिक स्वागत हैं। अपने जीवन के आज तक के सफ़र में मैंने जो दर्शन किया हैं, जो समझा हैं, जिस सत्य को पहचाना हैं, वो आप भी जाने ऐसा एक प्रयास है मेरा। मित्रों पेशे से मैं एक व्यापारी हूँ, पर बचपन से ही खोजी प्रवर्ति का रहा हूँ। ईश्वर के नियमों और सिद्धांतो को समझने के लिये मैंने धार्मिक ग्रंथो के साथ-साथ भूत-भविष्य को जानने वाले हस्त-रेखा, ज्योतिष शास्त्र इत्यादि और इनसे सम्बंधित विषयों का भी अध्ययन किया हैं। पर फिर भी मुझे इनसे कोई संतुष्टि नही मिली। ज्योतिष विज्ञान के द्वारा सब-कुछ जानने के बाद भी एक अधूरा सा पन महसूस होता था। ऐसे में सत्य की खोज करते-करते ध्यान और दर्शन-शास्त्र से जुड़ गया। यहाँ मैंने ईश्वर के अनेक नियमों को जाना, पर फिर भी जब तक उसको ना पा लूँ तब तक अधूरा ही हूँ।
मित्रों सत्य की खोज और "जीवन" के वास्तविक स्वरुप को समझने की कला ही "दर्शन" हैं। जो व्यक्ति ज्ञान को प्राप्त करने तथा नई-नई बातों और रहस्यों को जानने में रूचि रखता हैं, और फिर भी उसकी जिज्ञासा शांत नही होती, वो दार्शनिक कहलाता हैं। दर्शन का आरम्भ जिज्ञासा से होता हैं। बिना ईच्छा या जिज्ञासा के ज्ञान संभव नहीं। जीवन क्या हैं, आत्मा क्या हैं, परमात्मा क्या हैं, जीवन का आदि अंत सत्य क्या हैं? यही दर्शन का विषय हैं।
राधे-राधे...

27 दिसंबर 2008

बडो कोन ई जगत में पूछो मै आ बात,
ढके दोष जो और को सो जन बडो कहात !
अर्थात :- जो दूसरो के दोषो को ढक लेता है वही व्यक्ति बड़ा कहलाने के लायक है !
अक्सर लोग पूछते है ...... कल क्या होगा ?
कल वही होगा जो आप आज करोगे ...... तो आज को बेहतर कीजिये कल भी आज जैसा हो जाएगा !
नीम के पत्ते को शहद में डुबाओ कड़वा ही रहेगा
अर्थात :- किसी के स्वभाव को बदलने की कोशिश मत करो , बल्कि जिसका जैसा स्वभाव है उसके उसी स्वभाव को उचित समय आने पर काम में लो !
नदी में बाढ़ आए तो तैरने नही उतरना चाहिए दूर किनारे बैठ कर पानी उतर जाने का इंतजार करना चाहिए !

26 दिसंबर 2008

लोग कहते है दशा ख़राब चल रही है पर मेरे विचार से अगर आपकी दिशा सही है तो दशा ख़राब हो ही नही सकती ....... दिशा सही कीजिये दशा अपनेआप सही हो जायेगी !
लोग सुबह उठते ही राशिफल पढ़ते है .... मेरे विचार से ये आपको भ्रमित करने का तरीका है राशिः तो राम और रावण की भी एक ही थी !
छोटे छोटे अवसर यदि सही दिशा पा जाए तो धारा के विपरीत भी बहुत बडा काम किया जा सकता है !