मित्रों कितने भी जतन करलो,
कितने भी पूजा-पाठ करलो,
पर फिर भी ईश्वर की कृपा को नही पा सकोगे।
आइये दोस्तों एक ज्ञान भरी कहानी को लेकर में आपको ईश्वर से मिलाता हूँ।
मित्रों आपने यह कहावत तो सुनी होगी कि...
चतुराई सब चौपट करे, ज्ञानी गोता खाय
और भोला भला भक्ता ने, जट दर्शन हो जाय
मित्रों चतुर भक्तों की चतुराई धरी की धरी रह जाती हैं, और ज्ञानी भी अपने ज्ञान के अहंकार में गोते लगाते रहते हैं, फिर भी उसकी कृपा को नही पा सकते। पर जो भोले-भाले भक्त होते हैं, भगवान् उन पर कृपा बरसा कर चले जाते हैं।
मित्रों एक समय की बात है, एक गाँव में एक भोला सा किसान खेती बाड़ी कर अपने परिवार का पालन पोषण करता था। उसी गाँव के शिव मंदिर में, गाँव का एक चतुर महाजन रोज मंदिर जाकर एक ज्ञानवान पुजारी से पूजा-पाठ कराकर अभिषेक किया करता था। मित्रों वो किसान रोज महाजन को मंदिर जाते देख एक दिन महाजन से पूछ बैठता है कि सेठजी आप रोज मंदिर जाते हो आखिर मंदिर में क्या है ? तो महाजन बोलता है मंदिर में भगवान है और हम लोग भगवान से सुख-समृद्धि, धन-दोलत मांगने जाते है। तो किसान जो की बहुत भोला होता है वो पूछ बैठता है की क्या भगवान ये सब देते है? महाजन बोलता है, हाँ भगवान् सब कुछ देते है। भोला-भाला किसान महाजन की बात मान कर चला जाता है।
कुछ समय बाद किसान की पुत्री विवाह योग्य हो जाती है। इसलिए किसान महाजन के पास उधार मांगने जाता है। पर भोला किसान बातो ही बातो में महाजन को यह बोल देता है की सेठजी आज तो में आपसे उधार नही लूँगा बल्कि आज तो में भी मंदिर जाकर भगवान से माँगूगा। महाजन उसकी बात सुनकर मन ही मन हँसता है और उसे मंदिर जाने को बोलता है। मंदिर का पुजारी भी उसे मंदिर जाते देख कर हँसने लगता है।
किसान मंदिर के अन्दर जाता है और भगवान को ढूंढता है। पर उसे मंदिर में कोई नज़र नही आता। फिर एक और उसे शिव लिंग दीखता है जिसके बारे में वो कुछ नही जानता। शिव लिंग के ऊपर बड़ा सा घड़ा टंगा देख कर वो सोचता हैं की चलो लगता है यह घड़ा भगवान् ने मेरे लिए ही रखा हैं, चलो ये ही ले चलता हूँ, इसे बेचकर कुछ पैसे मिल जायेंगे। मित्रों घड़े को उतारने के लिए वो शिव लिंग पर पैर रख कर जैसे ही घड़ा उतारने का प्रयास करता हैं, तभी भगवान् भोले नाथ बम-बम-बम-बम करते प्रकट हो जाते हैं और उससे बोलते हैं माँग-माँग-माँग तुझे जो चाहिए वो सब माँगले, आज तो मै तुझे सब-कुछ दे दूंगा।
मित्रों भोला किसान सांप गले में डाले शिवजी का रूप देखकर डर जाता हैं और कहता है आप कोन हो, मुझे तो महाजन ने कहा मंदिर में भगवान् है वो सबकी इच्छा पूरी करते है इसलिए में आया हूँ। उसकी बात सुनकर शिवजी कहते है वत्स में हीं भगवान् हूँ, और तेरी पूजा से बहुत प्रसन्न हूँ। लोग तो आकर कोई दूध चढाता हैं, कोई पानी कोई धतूरा चढाते हैं। पर तू तो मेरा अनोखा ही भक्त हैं जो खुद पूरा का पूरा मेरे ऊपर चढ़ गया। तेरे जैसा भक्त पाकर आज में धन्य हो गया हूँ, इसलिये जा तूने ये जो घड़ा उतारा हैं वो में सोने से भर देता हूँ। किसान को सोने से भरा घड़ा देकर भगवान् अंतर्ध्यान हो जाते हैं।
किसान मंदिर से बाहर आता हैं तो उसके हाथ में सोने का घड़ा देख महाजन और पुजारी दंग रह जाते हैं। किसान उन्हें पूरा वृतांत सुनाता हैं जिसे सुनकर दोनों आश्चर्यचकित हो जाते हैं और खुद की चतुराई और ज्ञान को कोसने लग जाते हैं।
मित्रों इसी सत्य घटना से यह कहावत बनी थी कि...
चतुराई सब चौपट करे, ज्ञानी गोता खाय
और भोला-भाला भक्ता ने, जट दर्शन हो जाय।।
राधे-राधे...