ज्योतिषीय उपायों के पीछे छुपा विज्ञान...9
दोस्तों पिछले पार्ट में हमने ये जाना की लॉफिंग बुद्धा को घर में किस जगह रखा जाना चाहीये जिससे जल्दी ही इसके सकारात्मक परिणाम सामने आये।
मित्रों फेंगशुई में अलग-अलग समस्याओं हेतू भिन्न-भिन्न तरह के लाफिंग बुद्धा का प्रयोग से फिलिंग को जेनरेट समस्याओं का समाधान किया जाता हैं। इसमें बुद्धा के कुछ उपाय ऐसे भी हैं जिनका प्रयोग आवश्यकता अनुसार या सिमित समय के लिए ही होता हैं।
जैसे जब किसी का भाग्य साथ न दे रहा हो, बेहत तंगी के हालात हो, कोई भी काम नही बन पा रहा हो और यहां तक की कोई कर्ज भी देने वाला न हो, तो ऐसी अवस्था में "दोनों हाथ में एक कमंडल ऊपर उठाए लॉफिंग बुद्धा" का प्रयोग कर इस समस्या से निजात पाया जा सकता हैं।
दोस्तों इस स्टेच्यू के प्रयोग से उस ऊपर-वाले परमात्मा से सहायता माँगने की फिलिंग जेनरेट की जाती हैं। बार-बार इस स्टेच्यू को देखने से यह "फिलिंग" स्वत: जेनरेट होती रहती हैं। जितनी बार यह स्टेच्यू सामने आता हैं उतनी ही बार मन स्वतः ही उस परमात्मा से सहायता की फिलिंग करता हैं। और जैसे-जैसे तरंगों की अवर्तियाँ बढ़ती हैं या हमारा ध्यान इस एक फिलिंग पर "केंद्रित" होता जाता हैं, वैसे-वैसे परमात्मा हमारी फिलिंग को समझकर अवसर भेजना प्रारम्भ कर देता हैं। मेरी भाषा में कहूं तो अवसर हमारी और आकर्षित होकर चले आते हैं।
दोस्तों इसी फिलिंग के चलते एक के बाद एक अवसर जिंदगी में आते रहते हैं। यह सभी अवसर हमारे ही द्वारा की गई फिलिंग के कारण ही आते हैं। अब जब तक लॉफिंग-बुद्धा का यह स्टेच्यू आपके घर में लगा होगा तब तक आपको अवसर मिलते रहेंगे।
पर लगातार काम करते रहने की वजह से अब यह परिस्थितियां आपको अखरने लग सकती हैं, काम के प्रेशर से मन चिड़चिड़ा सा होने लगता हैं। अब आप परेशान होकर फिर इधर-उधर भटकने लगेंगे। पर आप ये नही समझ पायेंगे की घर में रखे लॉफिंग बुद्धा को देखने से जो फिलिंग अंदर ही अंदर स्वतः जेनरेट हो रही हैं, यही इस समस्या की जड़ हैं। उस स्टेच्यू को देखने से बनी फिलिंग अंदर ही अंदर आपने काम कर करती रहती हैं जिसके चलते काम का बोझ अत्यधिक बढ़ता जाता हैं। अब आपको अवसर की उतनी आवश्यकता नही जितनी पहले थी। अब आपको आवश्यकता हैं तो "सुख-शांति" की, "सुख-समृद्धि" की।
दोस्तों जब हमें अवसरों की आवश्यकता थी तब हाथ में कमण्डल उठाये लाफिंग-बुद्धा का प्रयोग कर हमने परमात्मा से लिफ्ट कराने की फिलिंग को जेनरेट कर अवसरों को आकर्षित किया। पर अब इस मोड़ पर परिस्थतियों को पुनः बदलने के लिये हमे किसी दूसरी मुद्रा वाले लाफिंग बुद्धा की आवश्यकता होगी।
ऐसी स्थति में अब एक हाथ में सिक्का और दूसरे हाथ में पँखा लिये आराम से बैठे हुए लाफिंग बुद्धा का प्रयोग कर परिस्थतियों को बदला जा सकता हैं। ऐसे लाफिंग बुद्धा को देखने से आराम और सुख-शांति वाली फिलिंग पैदा होती हैं जिसके चलते मन की ऊर्जा पाकर वे परिस्थितियां जीवन में उतरने लगती हैं। पर... अगर कोई व्यक्ति धनहीन हैं, और वो इस आकृति वाले लाफिंग बुद्धा का प्रयोग करता हैं तो इसके परिणाम सही नही होंगे। वह व्यक्ति धन कमाने की जगह जो हैं उसमें ही सन्तुष्ट होकर मस्ती से जीवन जीने लग जायेगा यानी निक्कमा हो जायेगा।
तो दोस्तों अब आप समझ गये होंगे की उपायों के द्वारा कैसे मन के भावों को जेनरेट कर अच्छे-बुरे परिणामों को पाया जाता हैं। अगले आर्टिकल में अन्य आकृतियों वाले लाफिंग बुद्धा पर चर्चा करेंगे।
राधे-राधे...
दोस्तों पिछले पार्ट में हमने ये जाना की लॉफिंग बुद्धा को घर में किस जगह रखा जाना चाहीये जिससे जल्दी ही इसके सकारात्मक परिणाम सामने आये।
मित्रों फेंगशुई में अलग-अलग समस्याओं हेतू भिन्न-भिन्न तरह के लाफिंग बुद्धा का प्रयोग से फिलिंग को जेनरेट समस्याओं का समाधान किया जाता हैं। इसमें बुद्धा के कुछ उपाय ऐसे भी हैं जिनका प्रयोग आवश्यकता अनुसार या सिमित समय के लिए ही होता हैं।
जैसे जब किसी का भाग्य साथ न दे रहा हो, बेहत तंगी के हालात हो, कोई भी काम नही बन पा रहा हो और यहां तक की कोई कर्ज भी देने वाला न हो, तो ऐसी अवस्था में "दोनों हाथ में एक कमंडल ऊपर उठाए लॉफिंग बुद्धा" का प्रयोग कर इस समस्या से निजात पाया जा सकता हैं।
दोस्तों इस स्टेच्यू के प्रयोग से उस ऊपर-वाले परमात्मा से सहायता माँगने की फिलिंग जेनरेट की जाती हैं। बार-बार इस स्टेच्यू को देखने से यह "फिलिंग" स्वत: जेनरेट होती रहती हैं। जितनी बार यह स्टेच्यू सामने आता हैं उतनी ही बार मन स्वतः ही उस परमात्मा से सहायता की फिलिंग करता हैं। और जैसे-जैसे तरंगों की अवर्तियाँ बढ़ती हैं या हमारा ध्यान इस एक फिलिंग पर "केंद्रित" होता जाता हैं, वैसे-वैसे परमात्मा हमारी फिलिंग को समझकर अवसर भेजना प्रारम्भ कर देता हैं। मेरी भाषा में कहूं तो अवसर हमारी और आकर्षित होकर चले आते हैं।
दोस्तों इसी फिलिंग के चलते एक के बाद एक अवसर जिंदगी में आते रहते हैं। यह सभी अवसर हमारे ही द्वारा की गई फिलिंग के कारण ही आते हैं। अब जब तक लॉफिंग-बुद्धा का यह स्टेच्यू आपके घर में लगा होगा तब तक आपको अवसर मिलते रहेंगे।
पर लगातार काम करते रहने की वजह से अब यह परिस्थितियां आपको अखरने लग सकती हैं, काम के प्रेशर से मन चिड़चिड़ा सा होने लगता हैं। अब आप परेशान होकर फिर इधर-उधर भटकने लगेंगे। पर आप ये नही समझ पायेंगे की घर में रखे लॉफिंग बुद्धा को देखने से जो फिलिंग अंदर ही अंदर स्वतः जेनरेट हो रही हैं, यही इस समस्या की जड़ हैं। उस स्टेच्यू को देखने से बनी फिलिंग अंदर ही अंदर आपने काम कर करती रहती हैं जिसके चलते काम का बोझ अत्यधिक बढ़ता जाता हैं। अब आपको अवसर की उतनी आवश्यकता नही जितनी पहले थी। अब आपको आवश्यकता हैं तो "सुख-शांति" की, "सुख-समृद्धि" की।
दोस्तों जब हमें अवसरों की आवश्यकता थी तब हाथ में कमण्डल उठाये लाफिंग-बुद्धा का प्रयोग कर हमने परमात्मा से लिफ्ट कराने की फिलिंग को जेनरेट कर अवसरों को आकर्षित किया। पर अब इस मोड़ पर परिस्थतियों को पुनः बदलने के लिये हमे किसी दूसरी मुद्रा वाले लाफिंग बुद्धा की आवश्यकता होगी।
ऐसी स्थति में अब एक हाथ में सिक्का और दूसरे हाथ में पँखा लिये आराम से बैठे हुए लाफिंग बुद्धा का प्रयोग कर परिस्थतियों को बदला जा सकता हैं। ऐसे लाफिंग बुद्धा को देखने से आराम और सुख-शांति वाली फिलिंग पैदा होती हैं जिसके चलते मन की ऊर्जा पाकर वे परिस्थितियां जीवन में उतरने लगती हैं। पर... अगर कोई व्यक्ति धनहीन हैं, और वो इस आकृति वाले लाफिंग बुद्धा का प्रयोग करता हैं तो इसके परिणाम सही नही होंगे। वह व्यक्ति धन कमाने की जगह जो हैं उसमें ही सन्तुष्ट होकर मस्ती से जीवन जीने लग जायेगा यानी निक्कमा हो जायेगा।
तो दोस्तों अब आप समझ गये होंगे की उपायों के द्वारा कैसे मन के भावों को जेनरेट कर अच्छे-बुरे परिणामों को पाया जाता हैं। अगले आर्टिकल में अन्य आकृतियों वाले लाफिंग बुद्धा पर चर्चा करेंगे।
राधे-राधे...