नमस्कार दोस्तों, दोस्तों जैसा कि मैंने पिछले आर्टिकल मे बताया कि हम प्रारब्ध के अनुसार उन्ही वस्तुओं, कर्मों, व्यवसाय, मित्रों और रिश्तेदारों के चुनाव करते हैं जिनसे मिलने वाली ऊर्जा भविष्य में हमें प्रारब्ध के निर्धारित परिणामों तक ले जाती हैं। अमूमन संसार के सभी लोग प्रारब्ध के प्रभाव से ही स्वभाव के मार्ग से व्यक्ति, वस्तु, कर्म इत्यादि का चयन कर... उनके आभामण्डल से मिलने वाली ऊर्जा पाकर ही परिणामों तक का सफर तय करते हैं। दोस्तों जिनका प्रारब्ध अच्छा होता हैं वे सकारात्मक ऊर्जा वाली वस्तुओं का चयन ओर प्रयोग करते हैं, वे सकारात्मक शब्दों का प्रयोग करते हैं, वे सकारात्मक लोगों के साथ रहना पसंद करते हैं... कुल मिलाकर वे लोग उन्ही व्यक्ति, वस्तु, कर्म इत्यादि का चुनाव करते हैं जिनसे सकारात्मक ऊर्जा का उत्सर्जन होता हैं। और उसी सकारात्मक ऊर्जा को पाकर वे प्रारब्ध के निर्धारित अच्छे परिणामों को प्राप्त होते हैं। इसके विपरीत जिनका प्रारब्ध बुरा होता हैं वे लोग उन व्यक्ति, वस्तु, कर्म इत्यादि का चुनाव करते हैं जिनसे नकारात्मक ऊर्जा का उत्सर्जन होता हैं। अगर व्यक्ति, वस्तु, कर्म इत्यादि का "चुनाव" ऊर्जा के सिद्धांत को ध्यान में रखकर किया जाये तो प्रारब्ध के बुरे परिणामों को काटा जा सकता हैं। दोस्तों चौरासी लाख योनियों में मनुष्य योनि को छोड़कर अन्य सभी योनियां मात्र भुगतने के लिये होती हैं, ईश्वर ने मात्र मनुष्य योनि में ऐसी सुविधा प्रदान की हैं जिसमे जीव इच्छा बल को पैदा कर इस ज्ञान तक पहुँचता हैं और व्यक्ति, वस्तु, कर्म इत्यादि का सही चुनाव कर प्रारब्ध को दबाने में कामयाब हो सकता हैं। दोस्तों आज आप जो भी लोग मेरे इस आर्टिकल को पढ़ कर ज्ञान प्राप्त के रहें है, आपके स्वभाव की यह घटना बता रही हैं कि भविष्य में आप सभी लोग श्रेष्ठ परिणामों को प्राप्त होंगे। मैं यहाँ कुछ ऐसे कर्मो इत्यादि का जिक्र कर रहा हूँ जिनके परिणाम 100% नकारात्मक ही आते हैं। और अगर आपकी दैनिक दिनचर्या के कर्म इनसे मिलते हैं तो उनमें सुधार कर भविष्य में होने वाली हानि से बचा जा सकता हैं। दोस्तों जो लोग टूटे-फूटे बर्तन काम मे लेते हैं, जो घर की दीवार पर बन्द घड़ी रखते हैं, या जिनके दीवार घड़ी का पेंडुलम रुका होता हैं, जिनके घर में कांच या दर्पण टूटे हुए होते हैं, जिनके मोबाइल की स्क्रीन टूटी होती हैं, टूटा हुआ या खराब केलकुलेटर काम मे लेते हैं, टूटे हुए पैन काम मे लेते हैं, जो बच्चे किताबें इत्यादि बिखेर कर रखते हैं, किताबों पर आवश्यक काँट-छांट करते हैं, सेकिंड हेंड वस्तुओं को खरीदते हैं, या निम्न श्रेणी के लोगों के प्रयोग की हुई वस्तुएं खरीदते हैं, फ़टे पुराने कपड़े पहनते हैं, बात-बात में असभ्य शब्दों का प्रयोग करते हैं, जो हर बात में मीनमेख निकालते रहते हैं, जो हर बात में टांग अड़ाते हैं, जो घर की साज-सज्जा पर ध्यान नही देते हैं, जो हाथ पैरों के नाखून समय पर नही काटते हैं, जो प्रतिदिन स्नान नही करते, जो बिना हाथ-पैर धोये खाना खाते हैं, जो बिस्तर पर खाना खाते हैं, जो लोग रसोई, पूजाघर, ड्राइंगरूम, बेडरूम इत्यादि मुख्य जगहों पर जूते-चप्पल ले जाते हैं, जिनके घर मे पुराने जूते इत्यादि पड़े रहते हैं, जो खाना खाते समय बातचीत करते हैं, जो लोग बिस्तर पर खाना खाते हैं, जो पूजा-पाठ नही करतें हैं, जो वास्तु इत्यादि दोष को नही मानते हैं, जो वास्तु युक्त भवनों में निवास करते हैं, जिनके घर में नल हमेशा बहता रहता हैं, जो निम्न श्रेणी के लोगों के साथ उठते-बैठते हैं, जो चुगलखोर लोगों के साथ रहना पसंद करते हैं, जो लोगों की बुराई में आनन्द लेते हैं, लोगों का दुख देखकर उनका मजाक उड़ाते हैं, जो दूसरों का सम्मान नही करते, जो ज्योतिष इत्यादि विद्या को फालतू बताते हैं, जो शास्त्रों में लिखी बातों की अवहेलना करते हैं, जो ब्राह्मणों ओर पंडितों का अपमान करते हैं, जो दान-धर्म नही करते हैं, जो लोग अहंकारी ओर घमंडी होते हैं, इत्यादि... ओर भी बहुत सी ऐसी नकारात्मक स्थतियां होती हैं जिनसे मिलने वाली नकारात्मक ऊर्जा भविष्य में बुरे परिणामों को आकर्षित करती हैं। दोस्तों ऊपर बताई सभी घटनाएँ जीवन में स्वभावगत ही होती हैं। और इस तरह की स्थितियों से मिलने वाली नकारात्मक ऊर्जा हमें बुरे परिणामों की ओर ले जाती हैं। किसी के घर मे पाई जाने वाली इन परिस्थितियों के दोषी घर वाले नही होते, बल्कि ये परिस्थितयां घर मे रहने वाले लोगों के ही स्वभावगत होती हैं, और उनका स्वभाव प्रारब्धगत होता हैं, जिसका काम आपको प्रारब्ध के निर्धारित परिणामों तक पहुंचाने का होता हैं। पर व्यक्ति, वस्तु, कर्म इत्यादि का सही चुनाव कर जीवनशैली को बदल कर श्रेष्ठ परिणामों को पा सकते हैं। दोस्तों अगले पार्ट में मैं आपको कुछ और मुख्य-मुख्य बातें और उनके पीछे छुपा रहस्य बताने का प्रयास करूँगा हूँ जिसके चलते इसके मूल विज्ञान को जानकर आप "सुखी और सम्रद्ध" जीवन की और अग्रसर होंगे।
राधे_राधे...